Mumbai Ki Rajdhani Kya Hai: मुंबई, भारतीय आर्थिक राजधानी के रूप में मानी जाती है, जबकि इसकी सांस्कृतिक धरोहर अत्यंत प्राचीन है। ब्रिटिश भारत आने पर उन्होंने मुंबई को अपने व्यापारिक बंदरगाह के रूप में विकसित करने का प्रयास किया। यह वही स्थान है जहाँ मराठों ने अंग्रेजों को सशर्त संधि करने के लिए विवश कर दिया।
इस लेख में हम मुंबई के विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास करेंगे और यह भी देखेंगे कि Mumbai Ki Rajdhani Kya Hai हम मुंबई के इतिहास और यहां के अन छुए पहलूओं को जानने का भी प्रयास करेंगे। मुंबई का नामकरण, इसके निर्माण और पुर्तगालियों द्वारा अंग्रेजों को इसे उपहार स्वरूप भेंटने की कहानी को भी हम समझेंगे।
मुंबई की राजधानी क्या है? | Mumbai Ki Rajdhani Kya Hai
भारत में 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं। वैसे तो भारतीयों की वैश्विक पहचान मुंबई और दिल्ली जैसे महानगरों से होती है, जिसमें दिल्ली भारत की राष्ट्रीय राजधानी है, लेकिन मुंबई की कोई अपनी राजधानी नहीं है। मुंबई महाराष्ट्र राज्य के अंतर्गत आती है और महाराष्ट्र का सबसे बड़ा शहर भी है, जो महाराष्ट्र की राजधानी है।
राजधानी का अर्थ होता है, जहां सरकार अपने प्रशासनिक कार्यों का संचालन करती है। मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी होने के साथ-साथ इसे देश का वाणिज्यिक केंद्र भी कहा जाता है। यहां देश की राष्ट्रीय बैंक स्थित है, साथ ही साथ यहां बॉलीवुड इंडस्ट्री भी है, जिसने लाखों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं।
मुंबई हिंद महासागर का तटीय शहर है, जहां बहुत से बंदरगाह हैं, जिनसे देश भर की बड़ी आर्थिक गतिविधियां नियंत्रित होती हैं और यह बंदरगाह हमें अफ्रीकन और अरबी देशों से व्यापार के लिए सुरक्षित समुद्री मार्ग से जोड़ती है। इसके साथ ही यह बंदरगाह हमें पश्चिमी देशों से सुरक्षित व्यापारिक मार्ग प्रदान करती है।
मुंबई का इतिहास | History of mumbai
इस नगर का पाषाण युग से अस्तित्व होने का प्राचीन साक्ष्य मिलता है, लेकिन मानव सभ्यता के प्रमुख साक्ष्य 250 ई.पू. के हैं, जब इसे हैपटानेसिया के रूप में जाना जाता था जन पद काल के उदय के साथ, यहाँ के राजाओं का कोई बड़ा साम्राज्य नहीं था, परंतु मौर्यकालीन इतिहास के संदर्भ में जानकारी मिलती है।
मौर्य साम्राज्य के अंतर्गत यह नगर था, जब सम्राट अशोक शासन कर रहे थे, और बाद में यहाँ सातवाहन शासकों की राजधानी बन गया। सन् 1313 तक यहाँ सिल्हारा वंश के राजाओं ने शासन किया, लेकिन बाद में गुजरात के शासकों ने मुंबई में आक्रमण करके इसे अपने राज्य में शामिल कर लिया और अधीन कर लिया। कुछ प्राचीन स्थल हैं, जो इन प्राचीन काल के साक्ष्य के रूप में मौजूद हैं, जैसे कि एलिफेंटा की गुफा और वालकेश्वर मंदिर।
ब्रिटिश कालीन मुंबई | British era Mumbai
यह आरंभ से ही गुजरात के राज्य के राजा के अधीन रहा था, परंतु बाद में पुर्तगालियों ने इसे गुजरात के शासक बहादुर शाह से युद्ध के द्वारा छीन लिया। पुर्तगालियों का यह प्रमुख बंदरगाह था, जहां से वे पूरे हिंद महासागर की व्यापारिक गतिविधियों का परिचय रखते थे। बाद में इंग्लैंड के राजकुमार चार्ल्स द्वितीय की पुर्तगाल की राजकुमारी से शादी हो गई, जिसमें पुर्तगाल ने अंग्रेजों को मुंबई उपहार के रूप में भेंट कर दी। अब मुंबई अंग्रेजी राजा के अधीन आ गई, जिसे बाद में ईस्ट इंडिया कंपनी ने महारानी एलिज़ाबेथ से दस पाउंड वार्षिक किराया पर ली।
ईस्ट इंडिया कंपनी को हार्बर जैसा गहरा समुद्री तट मिला, जिसे उन्होंने बंदरगाह के रूप में विकसित किया। पहले अंग्रेजों की व्यापारिक गतिविधियाँ सूरत से संपन्न होती थीं और सूरत ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्यालय भी था, जिसे उन्होंने मुंबई में बदल दिया और अब उनका पूरा अरब की खाड़ी और हिंद महासागर पर एकाधिकार हो गया। अंग्रेजों ने तीन प्रेसिडेंसियाँ विकसित की थीं, जिनमें मद्रास, बंगाल और मुंबई शामिल थीं।
मुंबई का नामकरण | Naming of Mumbai
मुंबई का नामकरण का इतिहास बहुत प्राचीन है। माना जाता है कि मुंबई शब्द का उद्गम मुम्बा देवी से हुआ है। मुम्बा देवी को कोल जनजाति का कुल देवी माना जाता है। कोल जनजाति के निवास स्थान को वे ‘मुम्बाई’ कहते थे, जो समय के साथ बदलकर मुंबई हो गया।
मुम्बाई शब्द का उत्पत्ति मुम्बा और आई शब्दों से हुआ है। ‘मुम्बा’ का शाब्दिक अर्थ ‘महा अम्बा’ होता है, जो दुर्गा माता का रूप है, और ‘आई’ का अर्थ मराठी में ‘मां’ होता है। अर्थात, दुर्गा माता को ही ‘मुम्बा आई’ कहा जाता था, जो समय के साथ ‘मुंबई’ हो गया।
पुर्तगाली और अंग्रेजों ने इसे ‘बॉम्बे’ कहा, जबकि हिंदी भाषियों ने इसे ‘बम्बई’ कहा। लेकिन मराठी भाषी लोगों ने हमेशा से इसे ‘मुंबई’ ही कहा है। 1995 में इसे आधिकारिक रूप से ‘मुंबई’ के नाम से जाना जाने लगा, और ‘बॉम्बे’ का नाम इतिहास में विलीन हो गया।
मुंबई के पर्यटन स्थल | Tourist places in mumbai
1. गेटवे ऑफ इंडिया | Gateway of India
गेटवे ऑफ इंडिया को भारत का प्रवेश द्वार माना जाता है, जो ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम और महारानी मैरी के आगमन पर निर्मित किया गया था। जब सम्राट और महारानी यहाँ आए थे, तब इसका निर्माण नहीं हुआ था। उस समय उन्हें गेटवे ऑफ इंडिया का मॉडल कार्डबोर्ड में बनाकर प्रस्तुत किया गया था। 1914 में जॉर्ज विटेट ने इसके डिजाइन को मंजूरी दी और इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ, जो 1924 में पूरा हुआ।
यहाँ साल भर में लाखों के संख्या में पर्यटक आते हैं, जिनमें विदेशी सैलानियों की भी भागीदारी होती है, जो समुद्र यात्रा के लिए भी यहाँ आते हैं।
2. जुहू बीच | Juhu Beach
यहाँ रोज़ पर्यटकों की भीड़ होती है, यह मुंबई का प्रमुख और सबसे लोकप्रिय समुद्र तट है। इस समुद्र तट की सुंदरता के कारण यहाँ फ़िल्मों की शूटिंग लगातार होती रहती है। जुहू बीच पर स्थित जुहू चौपाटी विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
3. एलीफैंटा की गुफा | Elephanta Cave
एलिफैंटा की गुफाओं को घारापुरी के नाम से भी पुकारा जाता है, जो एक शानदार और सुंदर नक्काशी के साथ पहाड़ को काटकर बनाई गई है। इतनी उन्नत टेक्नोलॉजी के सामने भी, इसकी खूबसूरती देखकर हर कोई हैरान हो जाता है। यह गुफाएं मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से 10 किमी की दूरी पर स्थित हैं, और बहुत ही प्राचीन हैं।
घारापुरी कभी कोंकणीय मौर्य की राजधानी थी। इसे पुर्तगालियों ने हाथियों के पत्थरों के कारण ‘एलिफैंटा’ कहा था। इन गुफाओं में शंकर भगवान के साथ कई अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं, जिन्हें लगभग 8वीं शताब्दी की बनाया गया माना जाता है।
4. मरीन ड्राइव | Marine Drive
यह 1920 में निर्मित किया गया था, जो अरब सागर के तट पर बहुत दूर तक बहुत सारे बड़े-बड़े भवनों का निर्माण किया गया है, जिनमें नरीमन प्वाइंट पर सोसाइटी लाइब्रेरी और मुंबई सेंट्रल लाइब्रेरी प्रमुख हैं। इन लाइब्रेरी से चौपाटी के पास से लेकर मालाबार हिल क्षेत्र तक इसका विस्तार है। मरीन ड्राइव के खूबसूरत घुमाव पर लगी सड़क की बत्तियाँ रात में पूरे स्थान को स्वर्ग के समान जगमगा देती हैं, और इसी कारण इसे क्वींस नेकलेस भी कहा जाता है।
निष्कर्ष | Conclusion
Mumbai Ki Rajdhani Kya Hai इस सवाल का हमने विस्तार से जवाब दिया है। आशा करते हैं कि आपको आज का यह जानकारी पसंद आया होगा। अगर आपके मन में इससे जुड़ा कोई भी प्रश्न हो, तो कृपया हमें कमेंट या मेल करें।